प्रेम और विश्वास।।।
नदी समान है, प्रेम की धार।
नाव समान है, विश्वास की पतवार।।।
तूफान आये जब, नदी में उफान।
विश्वास तुम्हारा ही संभालेगा कमान।।।
प्रेम करना केवल, नही है काफी।
विश्वास अटूट मुझपर, तुम्हारा हो साथी।।।
प्रेम की डोर, न मिले आसानी से।
बंधे न पाया, हर कोई, इस कहानी से।।।
गलतफहमी की जगह, वहाँ नही होता है।
प्रेम और विश्वास जब गहरा, गहरा और गहरा होता है।।।
विकास कुमार