हिंद देश की हिंदी भाषा - एक कविता

हिंद देश की हिंदी भाषा

हिंद देश की हिंदी भाषा, हमें बड़ी ही प्यारी है।
भारत माता की बिंदी ये, भाषा सबसे न्यारी है ।
है बहुत प्राचीन ये, सदियों से यह जारी है।
14 सितंबर सन 49 को संविधान ने भी स्वीकारी है है ।
राजभाषा बन गई है, मातृभाषा हमारी है।
राष्ट्रभाषा बने जल्द ये, यह चर्चा अभी भी जारी है।
सबसे ज्यादा बोली जाती ,सबके मन को भाती है।


ह्रदय से ह्रदय की भाषा है ये,यह जन जन की हितकारी है ।
एकता का सूत्र है ये, संस्कृति संवाहक है।
विश्व पटल पर मान बढ़ाती, भाषा परम यश कारी है ।
अंग्रेजी का चलन चला है रोमन बड़ी ही न्यारी है।
अंग्रेजी तो महज कली है ,हिंदी एक फुलवारी है ।

तकनीकी में हुई उपेक्षा, कैसी ये लाचारी है।
हिंदी का कल्याण करो, यह सबकी लाड दुलारी है ।
संस्कृत की बेटी है ये, चिंतन की ये भाषा है।
राष्ट्रभाषा बने हिंदी, यह खुद भारत माता की अभिलाषा है।
हिंदी का अपमान हुआ है ,इससे बहुत नुकसान हुआ है।

शान न इसकी जाने पाए ,यह अपनी महतारी है।
बहुत हुई उपेक्षा इसकी, अब संरक्षण की बारी है।
हिंदी का सम्मान बढ़े, यह हम सब की जिम्मेदारी है ।