स्वच्छ भारत
प्रस्तावना –
भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी ने
भारत की आजादी से पहले ही एक स्वच्छ भारत का सपना देखा था, उनका मानना था कि
स्वच्छता से ही हम स्वयं को स्वस्थ रख सकते हैं l अपने आस पास की साफ सफाई हमारा
कर्तव्य है l इसके लिये गाँधी जी बहुत प्रयास किये परन्तु वह सफल न हो सके l आजादी
के ७० सालों के बाद भी गाँधी जी का स्वच्छ भारत का सपना पूरा नहीं हो सका है l गाँधी
जी के इसी सपने को पूरा करने के लिये हमारे देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी जी ने गाँधी जी की १४५ वी जयंती (०२ अक्टूबर २०१४) को स्वच्छ भारत अभियान की शुरुवात
की l इस अभियान का उद्देश्य ०२ अक्टूबर २०१९ (गाँधी जी की १५० वी जयंती) तक सम्पूर्ण
भारत को स्वच्छ भारत बनाना है l
स्वच्छता की आवश्यकता –
हमारे दैनिक जीवन में स्वच्छता का विशेष महत्व
है l चूँकि एक स्वच्छ और स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है
और एक स्वस्थ मस्तिष्क में ही सकारात्मक विचारों का जन्म हो सकता है l
हम अपने आस पास की जगहों को गंदगी रहित रखकर अपने
शरीर को रोगों से दूर रख सकते हैं l इसके साथ ही चिकित्सा में अनावश्यक होने वाले
धन के व्यय को भी बचाया जा सकता है l
देश के पर्यटन स्थलों को स्वच्छ बनाये
रखने की आवश्यकता है, पर्यटन स्थलों पर गंदगी होने से पर्यटकों के आने की संख्या
में कभी हो जाती है जिससे देश को पर्यटन से होने वाला लाभ में कभी आती है l
ग्रामीण परिवेश में स्वच्छता का महत्व –
हमारे
देश की ७० प्रतिशत जनसंख्या आज भी गांवों में ही रहती है l अत: हम यह भी कह सकते
हैं कि गाँव ही भारत वर्ष की आत्मा है l परन्तु गाँव में स्वच्छता को लेकर लोग
अज्ञान है आज भी गांवों की अधिकतम जनसंख्या खुले में शौच करने जाते है जिससे विभिन्न
प्रकार की बीमारियों का फैलाव होता है l स्वच्छता के प्रति ग्रामीणों को जागरूक
करना अति आवश्यक है l गांवों में स्वच्छता के अज्ञान को लेकर कई करण है जिससे कई प्रकार
के नुकसान हैं :-
(क)
गाँवों के लोग घर
में शौचालय के अभाव में खुले में शौच करने जाते है, जिससे वातावरण दूषित होता है और
कई प्रकार की बीमारियां फैलती है l
(ख)
गाँवों में गाय,
भैंस और बकरी पालन विशेष रूप से होता है उनके मल मूत्र की सफाई समय-समय पर आवश्यक है
जिससे जानवरों के बीमार होने से बचाया जा सके l
(ग)
गाँवों में लोग जानवरों
को तालाब, कुंड, नहरों इत्यादि में नहलाते है जिससे जल प्रदूषित होता है और दूषित
पानी से होने वाली कई बीमारयों जैसे हैजा, पीलिया इत्यादि के होने की संभावनाएं बढ़
जाती है l
(घ)
गाँवों में घर के
पास में ही कूड़े के ठेर इकट्ठे हो जाते है जिनमें जानवरों के मलमूत्र से लेकर कई
प्रकार की गंदगी होती है जिससे आसपास का वातावरण खराब (दूषित) हो जाता है l
गाँवों में अशिक्षा का प्रतिशत अधिक होने
की वजह से लोग स्वच्छता के लाभों से अज्ञान है l अत: यह आवश्यक है गाँवों के लोगों
को स्वच्छता के प्रति जागरूक बनाये जाने के लिये विभिन्न प्रकार के स्वच्छता से
जुड़े कैम्प लगायें जायें l और गाँवों के लोगों को भी स्वच्छ भारत के अभियान में
जोड़ा जा सके l
शहरी परिवेश में स्वच्छता का महत्व –
हमारे
देश के शहरों में भी लोग स्वच्छता के महत्व से अनजान हैं, वह यह समझते है शहर के
साफ सफाई की जिम्मेदारी शहर के प्रशासन नगर निगम और सरकार की है l अत: हमारे शहर
भी गंदगी के माहौल से अछूते नहीं है l
·
शहर में लोग अपने घर
का कूड़ा जहाँ तहाँ फेंक देते हैं जिससे आसपास का वातावरण प्रदूषित होता है l
·
शहरों में नालों के
साफ सफाई न होने से भी कई बार पानी भर जाता है और गन्दा पानी आस पास की जगह पर
एकत्रित हो जाता है जिससे मच्छरों और कीटों की बढोत्तरी हो जाती है और मलेरिया चिकनगुनिया,
डेंगू जैसी बीमारियाँ पैदा होती हैं l
·
शहरों में घरों में इकट्ठे
होने वाले कूड़े में गीले और सूखे कचरे को इकट्ठा कर दिया जाता है जिससे कचरे की
रिसाईंकिलंग नहीं हो पाती है l
·
घरों में कूलर और टंकी
में पानी कई दिनों तक रहने से पानी सड़ जाता है जिससे उसमें मच्छर पैदा हो जाते हैं
l अत: आवश्यक है कि समय-समय पर कूलर और टंकी को साफ किया जाये l
स्वच्छता के प्रति लोगों के जागरूक करने के उपाय -
·
स्वच्छता के प्रति लोगों
को जागरूक करने के लिये यह आवश्यक है कि विघालय में बच्चों को स्वच्छता से हाने
वाले फायदे के बारे में बताना चाहिये, जिससे वह स्वच्छता के प्रति जागरूक बने और
अपने आस पड़ोस को स्वच्छ रखने में अपनी भूमिका निभाये l
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सार्वजनिक स्थानों
जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड इत्यादि पर शौचालयों का निर्माण किया जाये और साथ ही कचरे के डिब्बों की व्यवस्था की जाये l
लोगों को कूड़े को कचरे में डिब्बों में ही डालने का ही प्रावधान किया जाये l जिससे
सार्वजानिक स्थानों की गंदगी से बचाया जा सके l
·
लोगों को स्वच्छता
के प्रति जागरूक करने के विभिन्न प्रकार के कैम्प लगाये जाये जो गाँवो और शहरों के
लोगों को स्वच्छता के बारे जानकारी दें l
·
गाँवों के लोगों को
स्वच्छ ईधन के बारे में भी जागरूक करना चाहिये जिससे लोगों को खासकर महिलओं की
चूल्हे के धुंए से होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके l
उपसंहार –
स्वच्छ
भारत अभियान को उद्देश्य सम्पूर्ण भारत को स्वच्छ बनाना है l सरकार ने इसके लिये
कई प्रकार के ठोस कदम उठाएं है साथ ही साथ कई प्रकार के अभियानों से लोगों को जोड़ा
है जिससे उद्देश्य लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक बनाना है l
परन्तु
देश को स्वच्छ बनाये रखने की जिम्मेदारी केवल सरकार और प्रशासन की ही नहीं है इसके
लिये जन सामान्य की भागीदारी अति आवश्यक है l तभी हम गाँधी जी के स्वच्छ भारत के स्वप्न
को पूरा कर सकते हैं l
(आदेश सिंह चौहान)
अभियांत्रिकी सहायक