विश्व में हिंदी भाषा का महत्वपूर्ण स्थान

 हिंदी भाषा का विश्व में महत्वपूर्ण स्थान है। यह न केवल भारत की राजभाषा है, बल्कि विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है । 

हिंदी भाषा की प्रमुखता और उपयोगिता निम्नलिखित बिंदुओं में देखी जा सकती है:

1. संस्कृति और साहित्य : हिंदी भाषा में समृद्ध साहित्य और सांस्कृतिक धरोहर है। इसमें अनेक महान कवियों, लेखकों और विचारकों ने अपना योगदान दिया है।

2. शैक्षिक और अकादमिक क्षेत्र : हिंदी भाषा में अनेक शैक्षिक संसाधन और अकादमिक सामग्री उपलब्ध है, जो छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है।

3. व्यापार और संचार : हिंदी भाषा का उपयोग व्यापार और संचार के क्षेत्र में भी बढ़ रहा है। कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां हिंदी में सेवाएं प्रदान कर रही हैं।

4. मीडिया और मनोरंजन : हिंदी फिल्मों, टीवी शो और समाचार चैनलों का विश्वभर में व्यापक दर्शक वर्ग है, जिससे हिंदी भाषा की लोकप्रियता और बढ़ी है।

5. संस्कृति का दर्पण :  हिंदी भाषा भारतीय संस्कृति, परंपराओं और मानवीय मूल्यों का प्रतिनिधित्व करती है, जो इसे विशेष बनाता है।

6. आधुनिकता और प्रौद्योगिकी :  हिंदी ने तकनीकी विकास में भी अपनी जगह बनाई है, जैसे कि सॉफ्टवेयर, ऐप्स, और वेबसाइट्स में हिंदी का समावेश।

7. डिजिटल और सामाजिक मीडिया : डिजिटल युग में हिंदी कंटेंट की बढ़ती मांग है। सोशल मीडिया, ब्लॉग और वीडियो प्लेटफॉर्म पर हिंदी में सामग्री तेजी से बढ़ रही है।


हिंदी भाषा की इस वैश्विक पहचान और महत्व को देखते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि हिंदी एक सशक्त और प्रभावशाली भाषा है। 

विश्व  में हिंदी भाषा का विकास

विश्व  में हिंदी भाषा के विकास के कुछ मुख्य कारण -

विश्व स्तर पर 600 मिलियन से अधिक लोगों द्वारा हिंदी बोली जाती है, जिससे यह दुनिया में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा बन गई है। हिंदी भाषी आबादी का विशाल आकार इसकी वैश्विक उपस्थिति में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

भारत सरकार में हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है और यह संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं में से एक है। आधिकारिक डोमेन में यह मान्यता इसके वैश्विक महत्व को बढ़ाती है, खासकर अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और संचार में।

भारत की तीव्र आर्थिक वृद्धि और बढ़ता वैश्विक प्रभाव हिंदी के बढ़ते महत्व में योगदान देता है। जैसे-जैसे भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, व्यवसाय और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में संलग्न होता है, हिंदी भाषा दक्षता की मांग बढ़ती है।

बॉलीवुड भारत का जीवंत फिल्म उद्योग, जिसकी प्राथमिक भाषा हिंदी है। उसके कई वैश्विक दर्शक वर्ग हैं। बॉलीवुड फिल्मों, संगीत और सांस्कृतिक निर्यात का प्रभाव हिंदी भाषा को विश्व स्तर पर फैलाने और भारतीय संस्कृति में रुचि बढ़ाने में मदद करता है।

दुनिया भर में फैले प्रवासी भारतीय हिंदी से गहरा रिश्ता रखते हैं। यह प्रवासी विभिन्न देशों में हिंदी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने और इसके वैश्विक विकास में योगदान देने में एक प्रेरक शक्ति बन जाता है।

दुनिया भर के कई शैक्षणिक संस्थान हिंदी भाषा पाठ्यक्रम और भारतीय अध्ययन से संबंधित कार्यक्रम पेश करते हैं। यह शैक्षिक आउटरीच हिंदी भाषा और संस्कृति के वैश्विक प्रसार में मदद करता है।

डिजिटल युग ने इंटरनेट, सोशल मीडिया और डिजिटल सामग्री के माध्यम से हिंदी की वैश्विक पहुंच को आसान बना दिया है।  हिंदी भाषा विविध वैश्विक दर्शकों के लिए सीखने में आसान है, जो वैश्विक मंच पर इसके विकास को बढ़ावा देती है।

एक पर्यटन स्थल के रूप में भारत की लोकप्रियता दुनिया के विभिन्न हिस्सों से लोगों को आकर्षित करती है। हिंदी पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्रों में संचार की भाषा बन गई है, जो इसकी वैश्विक प्रासंगिकता में योगदान दे रही है।

विज्ञान, प्रौद्योगिकी और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत और अन्य देशों के बीच सहयोग, भाषा और विचारों के आदान-प्रदान में योगदान देता है, जिससे हिंदी के वैश्विक विकास में वृद्धि होती है।

भारत के वर्तमान प्रधान मंत्री स्वयं अपने विदेसी दौरों पर हिन्दी में बात करते हैं । 

इन पहलुओं से स्पष्ट होता है कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि यह एक संस्कृति, पहचान और संवाद का माध्यम है, जो विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण स्थान रखती है।


  मनोज कुमार दुबे 
        अभियांत्रिकी सहायक 
        दूरदर्शन केंद्र भोपाल