बिटिया-( रितिका बिटिया की अनुभूति की अभिव्यक्ति है बिटिया


बिटिया

जिसकी मुस्कुराहट से
सारे गम विस्मृत हो जाए
जिसके स्पंदन से ईंटों  की दीवारें
घर बन जाए
उसे कहते हैं बिटिया ।



घर पहुंचने पर
जो दौड़ कर आए
थकान मिटाने माथा  सहलाए
उसे कहते हैं बिटिया।

मन की चाहत कहीं
पिता का दिल न दुखाये
घर में अम्मा का
जो हाथ बटाएं
उसे कहते हैं बिटिया ।

"कल दिला देंगे" कहने मात्र से
वह मान जाए
हर रोज समय से
दवा की याद दिलाएं
उसे कहते हैं बिटिया ।

जिसके दूर जाने का
एहसास भी रुलाए
उसे कहते हैं बिटिया।
मीलों दूर रहकर भी
जो पास होने का
एहसास दिलाएं
उसे कहते हैं बिटिया।

साधारण मानव को
सौभाग्यशाली जो बनाये
उसे कहते हैं बिटिया ।

पिता को बहुत प्यारी होती है बिटियां
आर के बाजपेयी
हर घर की जीवन रेखा होती है बिटिया।।


संजय गुप्ता