हिंदी हमारी शान
कितनी प्यारी कितनी न्यारी
हिंदी भाषा है हमारी
तन को जोड़े मन को जोड़े
देश प्रांत के कोने जोड़े
जन जन को लगती है प्यारी
संस्कृत की बेटी राज दुलारी
कितनी प्यारी कितनी न्यारी
हिंदी भाषा है हमारी
बच्चा बोले बूढ़ा बोले
गुड़ियां बोले बुढ़िया बोले
अंधकार के बंद दरवाजे
हिंदी अपने ज्ञान से खोले
भारत की है यह शाम
हम सबको इस पर अभिमान
कितनी प्यारी कितनी न्यारी
हिंदी भाषा है हमारी
मोहन द्विवेदी
कितनी प्यारी कितनी न्यारी
हिंदी भाषा है हमारी
तन को जोड़े मन को जोड़े
देश प्रांत के कोने जोड़े
जन जन को लगती है प्यारी
संस्कृत की बेटी राज दुलारी
कितनी प्यारी कितनी न्यारी
हिंदी भाषा है हमारी
बच्चा बोले बूढ़ा बोले
गुड़ियां बोले बुढ़िया बोले
अंधकार के बंद दरवाजे
हिंदी अपने ज्ञान से खोले
भारत की है यह शाम
हम सबको इस पर अभिमान
कितनी प्यारी कितनी न्यारी
हिंदी भाषा है हमारी
मोहन द्विवेदी