ग़ज़ल
तेरे ख्याल से बेहतर कोई ख्याल नहीं
मैं तुझको भूल के जिंदा रहूँ सवाल नहीं
है दिल तो उसमे मोहब्बत को भी जगह दीजिये
बिना ख़ुलूस के जीना कोई कमाल नहीं
तुम्हारा हुस्न तो दिल को सुकून देता है
तुम्हारी जैसे कहीं भी कोई मिसाल नहीं
ना पूछ मुझसे मेरे दिल का हाल ऐ हमदम
मैं खस्ता दिल तो हूँ लेकिन शकिस्ता हाल नहीं
दुआएं माँ की हमेशा लिया करो “साजिद”
फिर उसके बाद किसी की कोई मजाल नहीं
साज़िद रिज़वी