माँ, तुम हो जीवन की धारा,

माँ, 

तुम हो जीवन की धारा, 

तुमसे ही है सब कुछ प्यारा। 

तेरी ममता की छांव में, सपनों का संसार सजा।


तेरी हंसी में है जादू, तेरी बातों में मिठास। 

तेरे बिना ये जीवन, जैसे हो सूना आकाश।

तेरी गोद में सुकून है, तेरे आंचल में प्यार। 


तेरे बिना ये दुनिया, लगती है बेकार।

माँ, तुम हो सबसे न्यारी, तुमसे ही है ये दुनिया सारी। 

तेरे बिना कुछ भी नहीं, तुम हो जीवन की सच्ची कारीगरी।


मनोज कुमार दुबे 
अभियांत्रिकी सहायक 
दूरदर्शन केंद्र भोपाल