ई पत्रिका शब्द निवेश का प्रकाशन

ई पत्रिका शब्द निवेश का प्रकाशन          


          


 
दूरदर्शन मध्य प्रदेश द्वारा पहली बार पत्रिका शब्द निवेश का प्रकाशन  1992 मे किया गया , उसके बाद लगातार इसका प्रकाशन किया जाता रहा और दूरदर्शन के अधिकारी , कर्मचारी अपनी रचनाएं इसमे शामिल करते रहे कई प्रख्यात रचनाकारों की रचनाएं भी इसमे प्रकाशित होती रही हैं , बीच मे एक अंतराल मे इसका प्रकाशन बंद हो गया था फिर कुछ समय बाद इस के प्रकाशन के बारे मे चर्चा हुई और ये पाया गया कि आजकल पत्रिका का प्रकाशन बंद स हो गया है और जो भी कुछ पढ़ने को है वो ऑनलाइन  मौजूद है , और ऑनलाइन पढ़ना भी सभी लोगों के लिए सुगम है , लोग टैबलेट मे कंप्युटर मे और मोबाईल मे अखबार पढ़ने लगे हैं पत्रिका पढ़ने लगे हैं 2017 मे एक नई शुरुआत हुई और ई पत्रिका शब्द निवेश को एक नए कलेवर के साथ शुरू किया गया , सभी कि रचनाए पेपर पर लिख कर मंगवाइ गईं , उनको हिन्दी मे टाइप किया गया , उनको ए पत्रिका मे शामिल करने के लिए एक कठिन गति विधि से गुजरना होता है , ऐसी कोई भी रचना जो पहले ही अनलाइन मौजूद है उसको उसे रूप मे वहाँ प्रकाशित नहीं किया जा सकता है , क्यूंकी गूगल का सिस्टम उसको जल्द पकड़ लेता है और प्रकाशित ही नहीं करने देता है इस लिए सभी सदस्यों को ये सलाह दी जाती है कभी अपनी रचना को लिखने के लिए किसी पहले से मौजूद सामग्री का उपयोग नया करें , पहले जानकारी एकत्रित करें उनको सही से जमाएं और थोड़ा समय देकर उसको सु सज्जित तरीके से लिख लें, समाचार पत्रों मे भी इस तरह जानकारी एकत्रित करके लेख लिखे जाते हैं , 


आज 2024 मे हम ने रचनाओं को wapp के ज़रिए , ईमेल के ज़ारिए मँगवाया और उनको एक जगह एकत्रित किया उनको सिस्टम पर डाल  कर देखा कि उनमे किसी तरह कि कोई कोडिंग तो नहीं है , उनको ई पत्रिका मे डालने से पूर्व अलग तरह  कि कोडिंग कि आवश्यकता होती है , ये सभी कार्य श्री मनोज दुबे , सहायक संपादक और वेब डेवलपर  बहुत ही अच्छे ढंग से करते हैं समय समय पर मैं उनको मदद करता हूँ , श्री संजय गुप्ता जी ,संपादक महोदय मंगाई गई रचनाओं मे से प्रकाशन के लिए उपयुक्त रचनाओं का चयन करते हैं , और प्रकाशन के लिए हमारे पास भेजते हैं ,ड्राफ्ट के समय और प्रकाशन  के पूर्व  ही उन कि व्याकरण अशुद्धियों को  दुबारा चेक करते हैं , श्री आशीष पोतनीस जीसंरक्षक महोदय का समय समय पर हमको मार्ग दर्शन प्राप्त होता रहता है  ई  पत्रिका को कई दिन और कई रात कि मेहनत से प्रकाशित किया जाता है इनमे कई प्रकार कि सेटिंग मे कई प्रकार कि  कठिनाई आती हैं , जिनको धीरे धीरे दूर किया जाता है और खोल कर देखा जाता है कि ये सभी डिवाइस पर आसानी से खुल सकें , मोबाईल पर अलग तरह से ये ओपन होती हैं और कंप्युटर  और टैबलेट पर अलग तरह से ओपन होती हैं   , आप अपनी लिखी रचना को यदि वो बहुत बार खोली जा चुकी है गूगल से सर्च कर सकते हो , गूगल पर शब्द निवेश लिख कर भी आप इस ई पत्रिका को सेयकढ़ कर सकते हैं अपनी रचना के लिंक को किसी के साथ भी शेयर कर सकते हो जिसको पढ़वाना चाहते हो उसको आप कभी भी शेयर कर सकते हो। अपने स्टैटस पर भी आप अपनी रचना के लिंक को लगा सकते हैं 

           


इस बार ये पत्रिका हिन्दी सप्ताह के समापन समारोह के अवसर प्रकाशित हो रही है , कुछ त्रुटियाँ आपको इसमे मिल सकती हैं क्यूंकी बहुत ही कम समय मे इसको प्रकाशन के लिए तयार किया गया है, ये त्रुटियाँ जल्द ही दूर कर ली जाएंगी, आइए हम सभी इस ई पत्रिका के प्रकाशन को आगे बढ़ाएं और हर अंक मे अपनी रचनाएं शामिल करें 

तनवीर अहमद ख़ान