डिजिटल इंडिया : एक प्रगति पथ

हिन्दी पखवाडा २०१७
प्रथम पुरुस्कार विजेता : तात्कालिक निबंध
[हिन्दीतर वर्ग]

डिजिटल इंडिया : एक प्रगति पथ

भारत एक प्रगतिशील देश है. विश्व में भारत एक उभरता हुआ देश है. यह आज धीरे धीरे प्रगति की ओर अग्रसर है . आज भारत विश्व में अपनी प्रगति का लोहा मनवा रहा है. वर्ष २०१४ में हमारे नव निर्वाचित माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आते ही भारत की प्रगति के लिए अनेकों कार्य किये इसमें से एक “डिजिटल इंडिया” भी एक था.
डिजिटल इंडिया का मतलब है – कार्य को कंप्यूटर के माध्यम से करना. ज्यादा से ज्यादा नेट आधारित सेवाओं का उपयोग कर पेपर लैस भारत बनाना. प्रधानमन्त्री जी ने कई महान योजनाओं को प्रारम्भ किया है. बैंक के माध्यम से अनेक गरीबों के लिए योजनायें शुरू की गयी जिनमे जन धन योजना के माध्यम से सरकारी सब्सिडी उनके खाते में जाती है. बिचोलियों को बीच में से हटा कर भ्रष्टाचार ख़त्म करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि हमारा देश प्रगति के पथ पर अग्रसर हो सके.


डिजिटल इंडिया की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने ‘ मुद्रा योजना “ की शुरुवात की और लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया, उन्होंने स्टार्टअप की व्याज दरो में कटौती करी , उन्होंने इसके साथ ही “ मेड इन इंडिया “ को बढ़ावा दिया जिससे लाखों लोगों को स्वयं का व्यवसाय और नौकरी मिली. प्रधानमन्त्री के दूरदर्शी परिणाम अभी और आना बाकी हैं. इन्ही को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने मुद्रा विमुद्रीकरण किया . वे भ्रष्ट्राचार मुक्त भारत बनाने के लिए कड़े कदम उठा रहें हैं.आधार से रसोई गैस अकाउंट लिंक करवाकर पारदर्शिता का सबूत दिया. आज मोबाईल फ़ोन के माध्यम से आप कहीं से भी घर बैठे अपना रसोई गैस बुक करवा सकते हैं. ऐसे ही इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से आप बगैर किसी लाइन के चक्कर में पड़े घर बैठे अपना बैंकिंग कार्य, पैसों का लेन देन  कर सकते हैं.  अब पैन कार्ड को भी बैंक से लिंक कर, आधार लिंक कर पूर्ण पारदर्शिता की और हमारा देश बढ़ रहा है.

प्रधानमंत्री जी ने स्वास्थ्य जगत में आकर ह्रदय में लगने वाले स्टंट की कीमत को आम आदमी की पहुँच में लाने का काम किया है. डिजिटल इंडिया के माध्यम से हर दवाई स्टोर को जेनरिक दवाई रखने और स्टॉक की जानकारी इन्टरनेट के माध्यम से जाहिर करवाया गया है जिससे आप घर बैठे सस्ती दवाएं घर बुला सकते हैं. डिजिटल तकनीकि से हमें अनेक सुविधाएँ मिलने लगी हैं. अब डिजिटल इंडिया में हम व्यापार भी ऑनलाइन करने लगे हैं. अनेकों कम्पनी अपना व्यापार सिर्फ ओन लाइन ही कर रही हैं. आज का युवा इन डिजिटल माध्यमों का प्रयोग कर अपनी जीवन शैली को सुगम बना रहे हैं.

रेलवे ने अपना अधिकांश काम ओन लाइन ही करना शुरू कर दिया है. अब घर बैठे हम अपनी टिकिट बुक करते हैं और कैंसिल भी करवा सकते हैं. डिजिटल तकनीकी से हम समय का सदुपयोग करने लगे हैं. आज डिजिटल तकनीकी प्रत्येक व्यक्ति के लिए उपयोगी हो गयी है . दैनिक व्यवहार में आने वाली वस्तुएं भी जैसे दूध, फल, सब्जियां भी अब ओन लाइन मिलने लगी हैं.

इन सब मानकों के आकलन से हम डिजिटल इंडिया में प्रगति कर रहे हैं.  हमारा सपना देश को प्रगतिशील बनाना है.इस सोच को सफल बनाने  के लिए हर नागरिक का योगदान आवश्यक है. आज हम सब को देश के साथ खड़े रह कर विपरीत परिस्थितयों से देश को प्रगति के पथ पर लेकर जाना है. आपस में लड़ कर नहीं एकता के साथ रहना है, तभी भारत में  अनेकता में एकता का सपना साकार होगा. हम इस तरह अपने तिरंगे के चक्र के २४ स्तंभों का पूर्ण अर्थ साकार कर सकेंगे, और भारत  का नाम विश्व में सुनहरे पन्नों में लिखा जावेगा.
डिजिटल इंडिया आज हमारे देश को विश्व में उच्च स्थान दिलाने के लिये आवश्यक हे और हम सब नागरिकों का कर्तव्य बनता है कि हम इस मिशन को सफल बनाने के लिए अपना सहयोग देवें.

निबंधकार-